होटल ताज, भारत का पहला 5 star होटल. किसी ज़माने में ये दुनिया के टॉप १० होटल्स में गिना जाता था. आज भले ताज टॉप १० में ना हो, लेकिन जब बात किसी होटल के शान की हो, तो ताज, आज भी दुनिया के बेहतरीन होटल्स में गिना जाता है. ताज को आज १०५ साल पुरे हो गए हैं. इन १०५ सालो में ताज ने महाराजाओ की शान से लेकर, आतंकियों के कहर तक, हर चीज़ देखि है. पर ताज आज भी खड़ा है, अटूट और निडर
समुद्र के रास्ते जब कोई मुंबई आता है, तो इस आलिशान इमारत की तारीफ़ किए बिना नही रह पाता है. तभी तो, इसे ताज कहते हैं. १९०३ में बना ताज, आज १०५ साल का हो गया है. हम बीसवी सदी से इक्कीसवी सदी में पहुच गए, भारत एक modern superpower के रूप में उभर रहा है. लेकिन बीसवी सदी के third world country माने जाने वाले भारत का होटल ताज, आज भी होटलों का सरताज है. समय के साथ साथ नए और आधुनिक होटल्स भी बने, जिनमे पश्चिमी देशो की तर्ज़ पर ऐश ओ - आराम की तमाम सुविधाएं भी दी गई, लेकिन ताज कभी अपनी संस्कृति को नही भुला. ताज हमेशा जाना जाता रहा अपने भारतीय संस्कृति से जुड़े छवि के लिए. ताज के इस प्रयास ने कही उसे दुनिया के बेहतरीन होटल्स की फेहरिस्त में पीछे छोड़ दिया, लेकिन ताज ने अपनी गरिमा बरकरार रखी. आख़िर, इसका निर्माण भी तो दुनिया के सामने भारत की गरिमा को प्रर्दशित करने के लिए ही किया गया था. ताज उस अंग्रेजो के ज़माने बना, जब होटल्स के बहार लिखा जाता था, Indians and Dogs are not allowed. तब J R D Tata, अपने और देश के आत्मसम्मान को बचाने के लिए आगे आए और आज से एक दशक पहले करीब ७५ करोड़ की लागत से इस आलिशान इमारत को बनवाया...और नाम दिया ताज
एक समय में महाराजाओ की शान तो आज CEO's और विदेशि पर्यटकों की ठाट बाट, ताज ने एक लंबा सफर तय किया है. इस होटल में लगे crystal belgium chandeliers और दीवारों की पेंटिंग्स ने इस होटल के इतिहास का हर एक लम्हा देखा है. वोह लम्हा भी जब प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस इमारत को एक हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया गया, और वोह लम्हा भी जब चंद आतंकियों ने ताज के मेहमानों को ताज में ही बंधक बना दिया. ताज के पाक दीवारों को उसीके मेहमानों के लहू के छीटों से दागदार कर दिया.
ताज ने बहुत कुछ देखा है, बहुत कुछ सहा है. जिस ताज ने इस मुंबई शहर को इस देश के आर्थिक राजधानी के रूप में उबरते हुए देखा, उसी ताज के बर्बादी के मंज़र को सिर्फ़ इस शहर ही नही तो पूरी दुनिया ने निस्सहाय होकर देखा. मगर ताज चुप रहा. शायद येही उसकी ध्रिड़ता थी. और इसी ध्रिड़ता के सहारे ताज ने १०५ साल गुजार लिए. आज ताज का जन्मदिन है. लेकिन ये कहना ग़लत नही होगा, की १०५ साल पुराने, भारत की शान के इस प्रतिक का आज पुनर जन्म है
ताज...तुम मुंबई की शान हो, तुम्हारे इस पुनर्जन्म पर मुंबई वासियों की और से ढेरो शुभकामनाये.
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